1)आप कैसे दीखते हो?
दोस्तों कम्युनिकेशन स्किल्स में आपका सबसे पहला इम्प्रैशन आपकी बॉडी लैंग्वेज होती हैं. मतलब आप कैसे दीखते हो, कैसे कपड़े पहने हैं, कैसे खडे हैं, आपका देखने का अंदाज कैसे हैं. यह बहुत ज्यादा मैटर करता हैं, इसलिए आपको सबसे पहले अपनी पर्सनालिटी कों बेहतर बनना पड़ेगा. उसके लिए अच्छे कपड़े कम क़ीमत के भी हो तो भी चलेगा लेकिन क्लीन होने चाहिए. आपके चेहरा सैड नहीं दिखना चाहिए, बल्कि एक हल्की सी स्माइल होनी चाहिए. आप डरे हुये नहीं होने चाहिए, नहीं तो आप ठीक से खडे भी नहीं हो पाएंगे. इसलिए आपको कॉन्फिडेंस के साथ लोगों के साथ पेश आना हैं.
2)आखों में देखकर बात करें
दोस्तों जब आप किसी के साथ बात करते हैं, उस वक्त आपको सामने वाले के आखों में देखकर बात करना. इससे आपका कॉन्फिडेंस पता चलता हैं. अगर आप यहाँ वहाँ देखकर बात करते हैं, तो इसका मतलब आप बात करने से डर रहें हैं. या फिर आप सामने वाले इंसान कों इग्नोर कर रहें हैं. इस बात से आपका बुरा इम्प्रैशन दिख सकता हैं. इसलिए बात करते वक्त सामने वाले इंसान के आखों में देखकर बात करें लेकिन प्यार से आखों में खोना नहीं हैं या गुस्से से नहीं देखना. बल्कि शांतता के साथ देखना हैं, जिससे यह पता चलता हैं की आप शांतता के साथ उनकी बातें सुन और समझ रहें हैं. जब आप बात करने लगते हैं, उस वक्त भी आपको आँखो में देखकर बात करनी हैं. जिससे आपकी कम्युनिकेशन बेहतर बनती हैं.
3) बात करते वक्त हाथों का यूज़ करना
दोस्तों जब आप किसी से या लोगों से बात करते हैं. तो उस वक्त आपको अपने चेहरे पर हावभाव दिखाने पड़ते हैं. साथ में आपको बात करते वक्त हाथों का सही इस्तेमाल करना आना चाहिए. क्यों की आप देखते होंगे जो लोग बात करते वक्त हाथों से रियेक्ट कर बातों कों समझाने की कोशिश करते हैं. उन लोगों की कम्युनिकेशन स्किल्स बेस्ट होती हैं. इसलिए बात करते वक्त हाथों से रियेक्ट करना जरूरी होता हैं. लेकिन बहुत ज्यादा हाथों का यूज़ नहीं करना इससे आप नर्वस हो ऐसा पता चलेगा.
बात करते वक्त अगर आप क्रॉस आर्म्ड करते हैं तो इसका मतलब आप उनप्परोचाबल, अनफ्रेंड और ज्यादा ऐटिटूड वाले इंसान हैं. इसलिए बात करते वक्त हाथ खुले और अलग अलग अंदाज में दिखने चाहिए.हाथ मिलाते वक्त सामने वालों कों अच्छा लगना चाहिए ना की बुरा, इसलिए आराम से हाथ मिलाना हैं.
4)बातों कों समझना
दोस्तों जब भी हम किसी से बात करते हैं, उस उक्त उन बातों कों समझना बहुत जरूरी होता हैं. क्यों की क़ोई इंसान अपने साथ हुए बुरे हादसे के बारे में बात कर रहा हैं और हम उसकी बातों पर सीरियस होने की बजाए हस रहें. तो ऐसी कम्युनिकेशन बकवास होती हैं. क़ोई भी इंसान जब बात करता हैं, तब उस बात का अपना इमोशन होता हैं. इसलिए बातों के हिसाब से अपना इमोशन दिखाना जरूरी हैं.
जैसे किसी दोस्त ने जोक बोला और सब हसने लग गए. लेकिन आप हसने की बजाए शांत हो. क़ोई भाव आपके चेहरे पर नहीं हैं. इसका मतलब आप लोगों के साथ जुड़ नहीं सकते और अगर जुड़ेंगे नहीं तो आपका कम्युनिकेशन कभी अच्छा नहीं होगा. इसलिए किसी भी इंसान की बात कों समझना और उसपर सही रिएक्शन देना जरूरी होता हैं.
5)बात करने का तरीका
दोस्तों बात तो हर क़ोई करता हैं, इसका मतलब हर किसी की कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी हैं. ऐसा नहीं हो सकता कुछ लोगों की कम्युनिकेशन स्किल्स बहुत अच्छी होती हैं. इसके पीछे की वजह उनका बात करने का तरीका दूसरों से अलग और कमाल का होता हैं. उसके पीछे की वजह उनको इस बात का पता हैं की कहाँ पे जोर से बोलना हैं और कहाँ पे धीरे. कैसे लोगों का ध्यान अपनी तरफ करने के लिए इंटरेस्टिंग बातें करनी हैं. उसके साथ बात करते वक्त कहाँ पर रुखना हैं और कहाँ से फिरसे बात शुरू करनी हैं.
जब लोग क्रिकेट की बात करते हैं, उस वक्त क़ोई इंसान उन लोगों में आकर पॉलिटिक्स की बातें शुरू करें. तो लोगों कों वह इंसान पसंद नहीं आता क्यों की बात चल रही क्रिकेट की और पॉलिटिक्स बीच में लेकर आ रहा हैं. इसका एक मुद्दे पर बात चल रही हैं तो दूसरा मुद्दा उठाना सही नहीं होता. इससे कम्युनिकेशन बिगड़ सकती हैं. लोगों की बातों से कनेक्ट कर बातें करना जरूरी हैं.
6)बात कैसे करें
दोस्तों बात कैसे करना है? यह बहुत जरूरी हैं, क्यों की जब हमसे क़ोई बात कर रहा होता हैं. तब हमें समझ नहीं आता की हम क्या बात करें. उस वक्त हमें सामने वाले इंसान की बातें ध्यान से सुनकर उसको रिपीट करना हैं.
जैसे आपका दोस्त बोल रहा हैं की भाई यह फ़िल्म बहुत अच्छी थी, तो आपको बोलना हैं की फ़िल्म तो कमाल की होगी उसके बाद आपके दोस्त रिएक्शन होगा हा भाई कमाल की फ़िल्म हैं. बहुत सारा एक्शन और रोमांस हैं. इसका मतलब जब हमें समझ ना आये की बात कैसे करें उस वक्त सामने वाले की बातों से कुछ बातों कों रिपीट कर बात करनी हैं.इससे आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी होगी.
7) कहानी सुनाना
दोस्तों हर इंसान कों कहानी सुनने में मजा आता हैं. हर किसी कों बचपन से कहानी सुनना पसंद होता हैं. कहानी लोगों का ध्यान बहुत जल्द अपनी तरफ करती हैं. इसलिए जब आप दोस्तों से या लोगों से बात करते वक्त उस बात से जुड़ी कहानी सुनाओ तो आपकी बात की वैल्यू बढ़ेगी और साथ लोग आपकी बातों कों इंटरेस्ट लेकर सुनेंगे. कहानी सुनाते वक्त उसको सुनाने अंदाज आपको सीखना पड़ेगा. क्यों की कहानी कों इंटरेस्ट लेकर सुनाना पड़ता हैं. उससे लोगों का ध्यान आप पर बना रहता हैं. इसलिए आपको कहानी की किताबें पढ़नी हैं, कहानिया सुननी हैं और जिनकी कम्युनिकेशन अच्छी हैं वह कैसे कहानी सुनाते हैं. उनसे हमें सीखना हैं.
इन सभी बातों का अगर आप अच्छे से ध्यान रखेंगे तो आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स बेस्ट होने से क़ोई नहीं रोक सकता.
धन्यवाद
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