हमें कहाँ चुप रहना चाहिए | Where should we keep quite | FactVini

नमस्कार दोस्तों आज हम यह जानने वाले हैं, की हमें कहाँ चुप रहना चाहिए. इसका मतलब हर जगह बातें करना जरूरी नहीं होता. कुछ जगहों पर चुप रहना जरूरी होता हैं. ऐसी कौन सी जगह हैं, जहाँ हमें चुप रहना हैं. चलिए जानें 

1) गुस्से में बात ना करें 
दोस्तों जब हमें क़ोई चीज गलत लगती हैं तब हमें गुस्सा आता हैं. गुस्सा अलग अलग तरह का होता हैं, उसमें सबसे ज्यादातर जब क़ोई इंसान क़ोई काम गलत करें और उसका इम्पैक्ट आपपर होने वाला होता हैं. तब हमें बहुत गुस्सा आता हैं. गुस्सा आना क़ोई गलत बात नहीं हैं, हर इंसान कों किसी ना किसी बात की वजह से गुस्सा आ जाता हैं. लेकिन क़ोई इंसान गुस्सा आने के बाद खुद कों शांत रखने की कोशिश करते हैं. क्यों की उनको पता हैं की यह गुस्सा उन्हें बर्बाद कर सकता हैं. कुछ लोग गुस्सा कंट्रोल नहीं कर पाते और गुस्से में आकर गलती या गुनाह कर बैठते हैं. उसकी क़ीमत उनको आगे चलकर चुकानी पड़ती हैं. इसलिए जब बहुत ज्यादा गुस्सा आए तब चुप रहें.

2)पूरी बात पता न होना 
दोस्तों जब क़ोई इम्पोर्टेन्ट बात कर रहा हैं, उस वक्त आपको अगर उस बारे में पूरी बात पता नहीं तो आपको चुप रहना हैं, इसमें आपकी भलाई होती हैं. क्यों की आप कुछ भी बोल बैठेंगे तो उसकी क़ीमत आपको चुकानी पड़ेगी. इसलिए किसी भी मुद्दे के बारे में सही से पूरी बात पता न हो तो बात नहीं करनी. इससे आपको पता चलेगा की हर जगह बोलना जरूरी नहीं होता. कुछ जगहों पर आपकी चुपी आपको समझदार बनाती हैं. इसलिए पूरी बात की जानकारी होने के बाद उसपर बोलना सही होगा.

3)चिल्लाकर बात ना करें
दोस्तों कुछ लोगों कों आपने देखा होगा की जब वह बात करते हैं. तब वह हर बात करते वक्त चिल्लाने लगते है, इससे उन्हें लगता है की वह सही हैं. लेकिन ऐसा नहीं होता चिल्लाकर बात करने से झूठ सच नहीं बनता. इसलिए चिल्लाकर बात करना सही नहीं, इसका मतलब बात करते वक्त इस बात का ध्यान रखना जरूरी हैं की चिल्लाना जरूरी नहीं हैं. बात करते वक्त अच्छे से शांतता के साथ बात करनी हैं.

4)रिश्तों कों बनाए रखें
दोस्तों क़ोई भी रिश्ता हो वह रिश्ता तभी रह सकता जब उसमें क़ोई शांत रहकर बातों कों सुनने और समझने वाला हो. जब रिश्तों में लड़ाई झगड़े होने लगते हैं, उस वक्त चुप रहना बहुत जरूरी हैं. क्यों की अगर क़ोई चोट लग जाये तो वह वक़्त के साथ ठीक हो जाएगी लेकिन जो कड़वी बातें बोली हैं वह हमेशा लोगों की याद में रहेगी. इसलिए अगर आपकी ख़ामोशी रिश्तों कों बचा सकती हैं, तो चुप रहें.

5)भावनाओं में बात ना करें
दोस्तों जब हम लोगों से बात करते हैं, उस वक्त अगर क़ोई इमोशनल मुद्दा शुरू हो जाए. तो ऐसे वक्त में कोशिश करें की आप ज्यादा बात ना करें क्यों की आपके इमोशन आपसे आपकी कमजोरिया लोगों बता सकते हैं. उसके साथ लोग आपके इमोशन का फायदा उठाकर आपको नुकसान पंहुचा सकते हैं. इसलिए कोशिश करें की जब आप बहुत ज्यादा इमोशन में हो तब शांत रहें. इसमें आपकी भलाई हैं.

धन्यवाद

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